हरिद्वार – सिडकुल के समीप स्तिथ ग्राम रावली महदूद में 30वें वार्षिक निरंकारी समागम का आयोजन हुआ। जिसमें हजारों ज्यादा निरंकारी अनुयायियों ने सत्संग कार्यक्रम में शिरकत की जिसमें सभी ने निरंकारी मिशन के सिद्धांतो पर चलने का प्रण लिया।
देहरादून से आये ज्ञान प्रचारक सन्त राजीव बिजवान ने माता सुदीक्षा जी महाराज के दिव्य संदेश को आगे पहुँचाते हुए फरमाया कि संसार में विचरण करते हुए जब हम अपने सीमित दायरे से सोचते हैं तो केवल कुछ ही लोगों से रुबरु हो पाते हैं, किन्तु ब्रह्मज्ञान की दिव्य रोशनी से जब हम इस परमपिता परमात्मा संग जुड़ते है तब हम सही अर्थो में सभी से प्रेम करने लगते हैं। यही प्रेमाभक्ति ईश्वर प्राप्ति का सरलतम मार्ग है।
भक्ति की परिभाषा को एक नया दृष्टिकोण देते हुए कहा कि यदि जीवन के हर क्षण को भक्ति में बदल दिया जाए, तो अलग से पूजा का समय निकालने की आवश्यकता ही नहीं रहती। यही विचारधारा जब व्यापक रूप ले लेती है तो सबके प्रति निस्वार्थ सेवा और प्रेम की भावना को जाग्रत करती है। आपने संतों के संग और ध्यान (सुमिरण) को आत्मा की गहराई से जोड़ने का सरल माध्यम बताया।