विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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हरिद्वार,उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र- 2025 आज पांचवें दिन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। आज बजट पारित किया गया।बजट सत्र में भू कानून समेत दस विधेयक पारित हुए थे। पहली बार शनिवार को भी सदन की कार्यवाही हुई

उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 18 फरवरी को शुरू हुआ था, जो 22 फरवरी शाम को करीब 6:48 बजे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया. इस दौरान विधानसभा सत्र के पहले दिन की कार्यवाही 15 मिनट चली, दूसरे दिन की कार्यवाही 9 घंटे 23 मिनट चली, तीसरे दिन की कार्यवाही 9 घंटे 40 मिनट, चौथे दिन की कार्यवाही 11 घंटे 51 मिनट तक चली तो वहीं आज आखिरी दिन के कार्यवाही 6 घंटे 14 मिनट तक चली. इस तरह से 5 दिनों में सदन की कार्यवाही कुल 37 घंटे 49 मिनट चली. इस दौरान कुल 526 सवालों के जवाब दिए गए, जिसमें से 30 अल्प सूचित सवाल थे और 496 तारांकित और अतरा अंकित प्रश्न पूछे गए.

अनुसूचित जनजातियों के बजट में कटौती का प्रस्ताव
कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह राणा ने अनुसूचित जनजातियों के बजट में कटौती के प्रस्ताव पर कहा कि एक लाख करोड़ से ज्यादा के बजट में से अगर 3 प्रतिशत भी जनजाति को दिया जाए तो उनका उद्धार हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जनजातीय सलाहकार परिषद का कहीं पता नहीं है और केवल एक उपाध्यक्ष को बना दिया जाता है, जबकि जनजातियों के प्रतिनिधि नहीं होते। उन्होंने जनजातीय निदेशालय के गठन की बात भी की, लेकिन उसमें सचिव की नियुक्ति की आवश्यकता पर भी जोर दिया। दूसरी ओर, संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि गत वर्ष 717 करोड़ 89 लाख रुपये का बजट था, जिसे इस बार 821 करोड़ 41 लाख रुपये तक बढ़ाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जनजातीय सलाहकार परिषद की प्रक्रिया गतिमान है।

उत्तराखंड विधानसभा में परिवहन विभाग के बजट पर कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने कटौती का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में रोडवेज डिपो घाटे में चल रहे हैं और बसों में ड्राइवरों की कमी है। उन्होंने यह भी पूछा कि एनजीटी के निर्देश के बावजूद कितनी पुरानी बसें हटाई गईं और कितनी नई बसें खरीदी गईं। उन्होंने परिवहन विभाग के पुराने ढर्रे और संविदा कर्मचारियों की नौकरी पक्की न होने की समस्या को भी उठाया।

विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा कि विभाग ने फिटनेस सेंटर जैसे लूट सेंटर खोल दिए हैं और उन्हें बंद किया जाना चाहिए। भाजपा विधायक दिलीप रावत ने वाहनों की फिटनेस की मैनुअल प्रक्रिया पर जोर दिया, जबकि बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने चारधाम यात्रा के लिए बेहतर सुविधाओं की मांग की। बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने आईएसबीटी को री-डिजाइन करने और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए अलग बस अड्डे बनाने का सुझाव दिया। कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने पहाड़ी क्षेत्रों में बसों की कम संख्या और मुआवजे में असमानता की समस्या को उठाया।

परिवहन मंत्री अग्रवाल ने बताया कि ई-बसों के लिए बजट की व्यवस्था की गई है और पीएम बस सेवा के लिए 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

विधानसभा में ऊर्जा विभाग के बजट पर कांग्रेस विधायक विक्रम नेगी ने कटौती का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सोलर योजना शुरू की, लेकिन यूपीसीएल की लाइनों की क्षमता पर्याप्त नहीं है। बिजली विभाग ने टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीएफआर) देना बंद कर दिया है, जिससे रोजगार के अवसर खत्म हो गए हैं। टिहरी में सोलर प्रोजेक्ट का काम लटका हुआ है। उन्होंने मांग की कि सोलर सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के खातों में दी जाए। उन्होंने बताया कि टिहरी में 600 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन विभाग ने केवल 485 को ही टीएफआर दी। नेगी ने आगे कहा कि टिहरी में 100 करोड़ रुपये की लागत से डीपीआर लाइनों के उन्नयन की योजना भेजी गई है, लेकिन बजट में इसके लिए पर्याप्त राशि नहीं है। उन्होंने मांग की कि इस राशि को बढ़ाया जाए या इसे केवल 1 रुपया कर दिया जाए।

भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप
विधायक वीरेंद्र जाती ने बजट कटौती प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि बिजली विभाग में भारी भ्रष्टाचार है। मीटर जंपिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं और उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है। नए ट्यूबवेल कनेक्शन में कई महीनों का समय लग रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली विभाग अपनी क्षमता बढ़ाने में पूरी तरह विफल है। किसानों की बिजली रोककर कंपनियों को बिजली दी जा रही है। साथ ही, विभाग द्वारा बिजली चोरी के मुकदमे जबरदस्ती दर्ज किए जा रहे हैं। विधायक काजी निजामुद्दीन ने उत्तराखंड में बिजली विभाग के घाटे पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 2021-22 में विभाग को 21 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जो 2022-23 में बढ़कर 1224 करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने पूछा कि यह नुकसान इतना अधिक कैसे हो गया?

मंत्री का जवाब
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली चोरी और मीटर जंपिंग को रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष बजट को 1 रुपया करने की बात कर रहा है, जबकि सरकार बजट बढ़ाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि विभाग की मांग के अनुसार ही बजट आवंटित किया जाता है।

बीजेपी विधायकों का समर्थन
बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि ऊर्जा के बिना जीवन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है। उत्तराखंड में यह भ्रांति है कि हम ऊर्जा प्रदेश हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। उन्होंने सरकार की सराहना करते हुए कहा कि पहाड़ों पर बंजर भूमि पर सोलर योजना से रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। रूफ टॉप सोलर प्रोजेक्ट से लोगों को जीरो बिल मिल रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर प्रभावी नहीं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सोलर क्षेत्र में निवेश करने वालों के लिए नजदीकी सबस्टेशन की क्षमता बढ़ाई जाए। विधायक विनोद चमोली ने कहा कि 200 किलोवाट सोलर प्रोजेक्ट में 33 केवी और 11 केवी का उपयोग किया जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसे केवल 33 केवी से किया जाए, जिससे बिजली उत्पादन अधिक होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की सोलर परियोजना में सब्सिडी बंद होने के कारण लोग भटक रहे हैं।

सदन में संसदीय कार्यमंत्री के बयान पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया । नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई करने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि मैंने सदन में ही अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया था। पहाड़ मैदान की बात को लेकर सदन में हंगामे पर विधानसभा अध्यक्ष भड़क गईं। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को फटकार लगाई।कांग्रेस के एक विधायक ने सदन में कागज फाड़ा। इसके बाद उन्होंने सदन से वॉकआउट कर दिया

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