हरिद्वार, उत्तराखंड में कुछ दिन पहले ही कुट्टू के आटे से बनी पकौड़ी खाने से भारी मात्रा में लोगों के बीमार होने की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था जिसमें लगभग 400 से अधिक व्यक्ति बीमार हुए थे जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत मरीजों को देखने के लिए अस्पताल गए थे धामी सरकार ने कुट्टू बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए
मिली जानकारी अनुसार उत्तराखंड में अब कुट्टू का आटा बिना लाइसेंस के नहीं बेचा जाएगा, सील बंद पैकिंग में ही इसकी बिक्री की जाएगी। कुट्टू के आटे के छह सैंपल फेल होने के बाद प्रदेश सरकार ने इसकी बिक्री की गाइडलाइन जारी कर दी है। ये सैंपल देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर से एकत्रित कर जांच के लिए रुद्रपुर भेजे गए थे।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने घटिया कुट्टू का आटा खाने से होने वाली बीमारियों की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम लागू करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य सचिव व आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डाॅ.आर राजेश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों पर राज्य में कुट्टू के आटे की बिक्री को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। प्रदेश में अब कोई भी खाद्य कारोबारी खुला कुट्टू का आटा नहीं बेच सकेगा। इसकी बिक्री खाद्य लाइसेंस के साथ सील बंद पैकेटों में ही की जाएगी। पैकेट पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के अनुसार पिसाई, पैकिंग व एक्सपायरी तिथि, कारोबारी का नाम, लाइसेंस नंबर अनिवार्य रूप से अंकित करना होगा।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार बिना वैध खाद्य लाइसेंस के कुट्टू का आटा और बीज नहीं बेचा जा सकेगा। सभी खाद्य कारोबारियों को खरीद और बिक्री का रिकॉर्ड लिखित रूप में रखना होगा। बिना अनुमति के खुले में कुट्टू के आटे की बिक्री करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी