हरिद्वार,कर्मचारियों की जीपीएफ राशि और छात्रों की फीस में हेराफेरी मामले में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ऐथल के लिपिक को पांच साल की सजा सुनाई गई। शासकीय धन का गबन कर सरकारी तंत्र की साख को चोट पहुंचाने वाले एक लिपिक को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ऐथल के लिपिक रहे आरोपी मदन सिंह गोसाई को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने पांच साल की सजा और दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ऐथल हरिद्वार में तैनात लिपिक को सरकारी धन के गबन और जालसाजी कर कूटरचित दस्तावेजों के इस्तेमाल करने का दोषी करार दिया है। आरोपी लिपिक को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सुनाई है। सहायक अभियोजन अधिकारी नवेंदु कुमार मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2008 में आरोपी मदन सिंह गोसाई के खिलाफ सरकारी पैसे का गबन करने का मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी मदन सिंह ने राजकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय ऐथल में लिपिक के पद पर रहते हुए विभिन्न प्रधानाचार्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर उनके सामान्य भविष्य निधि खातों से पैसे निकाले थे।
इसके अलावा छात्र-छात्राओं से प्राप्त राजकीय शुल्क, छात्र निधियों की धनराशि पासबुक में जमा न करके बेईमानी व धोखाधड़ी से गबन कर ली थी। विवेचक ने जांच के बाद आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया था। केस में साक्ष्य के दौरान अभियोजन पक्ष ने 14 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। विचारण कोर्ट ने बयानों व दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी लिपिक को दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा सुनाई गई।