हरिद्वार, रेबीज संक्रमित देहरादून निवासी युवक की सोमवार को मौत हो गई। युवक जब इलाज के लिए दून अस्पताल पहुंचा तो उसकी हालत देख कर डॉक्टर भी हैरान रह गए। चिकित्सकों की माने तो युवक को पानी और उजाले से डर लग रहा था और उसके मुंह से लगातार लार टपक रहा थी। यही युवक आक्रामक इतना लग रहा था कि उससे अस्पताल का स्टाफ तक घबरा गया।
दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि मरीज को हाइड्रोफोबिया (पानी से डर), फोटोफोबिया (तेज रोशनी से डर), मुंह से लार गिरना और आक्रामक व्यवहार जैसे लक्षण थे। शुरू में डॉक्टर युवक की स्थिति को लेकर असमंजस में थे, लेकिन परिजनों द्वारा कुत्ते के काटने की जानकारी देने के बाद रेबीज की आशंका पुख्ता हुई।परिजनों के अनुसार, युवक को छह महीने पहले एक आवारा कुत्ते ने काटा था, लेकिन उसने एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं ली। इस लापरवाही की कीमत अब जान से चुकानी पड़ी। एम्स ऋषिकेश में प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो परिजन उसे एक निजी अस्पताल ले गए, जहां सोमवार सुबह करीब 7 बजे उसकी मौत हो गई।