कनखल पुलिस की कस्टडी में हुई संदेशनगर निवासी एमआर की संदिग्ध परिस्थितियों की मौत के बाद परिजनों ने बेटे का शव लेने से इनकार कर दिया है। परिजनों की मांग है कि जब तक आरोपी पुलिसकर्मी और तीन अन्य युवकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक बेटे के शव को नहीं लिया जाएगा। उधर परिजनों ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप भी लगाया है।
बीते शनिवार की रात को कनखल पुलिस की दरोगा हिमानी रावत, कांस्टेबल पंकज देवली और एक अन्य कांस्टेबल की हिरासत में एमआर अखिलेश दीक्षित (35) पुत्र दयाशंकर दीक्षित की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पुलिस ने एक नाबालिग लड़की के अपहरण के आरोप में एमआर अखिलेश को मोहाली से 20 किमी दूर एक होटल से बरामद किया था।
पुलिस ने एमआर के पास से नाबालिग लड़की को भी बरामद कर लिया था। बाद पुलिसकर्मी एमआर को लेकर हरिद्वार आ रहे थे। आरोप है कि भगवानपुर के पास बीच रास्ते में अखिलेश की तबीयत बिगड़ी और उसको भगवानपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से रेफर करने पर रुड़की के सिविल अस्पताल में एमआर की मौत हो गई।
परिजनों को जब घटना की जानकारी दी गई तो परिजन रुड़की पहुंचे। रविवार को हिन्दुस्तान अखबार से बातचीत के दौरान एमआर के पिता प्रोफेसर दयाशंकर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने तीन युवकों के कहने पर बेटे को खाने में जहरीला पदार्थ खिला दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। आरोप लगाया कि पुलिस ने मिलीभगत की है और पुलिस इस पूरे हत्याकांड में शामिल है।
प्रोफेसर दयाशंकर ने बताया कि भगवानपुर से कुछ किमी पहले एक ढाबे पर पुलिस ने एमआर को खाना खिलाया था। जहां उसको जहरीला पदार्थ दिया गया है।
कस्टडी में मौत के बाद एमआर के शव को पोस्टमार्टम के लिए ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में भेजा गया है। उधर पिता दयाशंकर दीक्षित ने शव को लेने से इनकार कर दिया है। पिता की मांग है कि जब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती शव को नहीं लिया जाएगा। पिता ने आरोप लगाया कि पड़ोस के ही रहने वाले तीन युवकों ने पुलिस के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। हुआ था अपहरण का केस दर्ज
कनखल पुलिस ने एक 17 वर्षीय नाबालिग के लापता होने के बाद एमआर अखिलेश दीक्षित के खिलाफ पोक्सो और अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। जिस मामले की जांच दरोगा हिमानी रावत कर रही थीं।
मिला था सुसाइड नोट
अखिलेश 4 सितंबर से लापता था। उनके घर से दो सुसाइड नोट भी मिले थे। एक पिता और एक पत्नी के नाम लिखा गया था। जिसमें अखिलेश ने सुसाइड करने की बात लिखी थी। लेकिन पुलिस को जांच के बाद मालूम हो गया था कि अखिलेश ने सुसाइड नहीं की है।
परिजनों में कोहराम
अखिलेश की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। पिता दयाशंकर देहरादून सहसपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस कॉलेज में प्रोफेसर हैं। अखिलेश इकलौती संतान थी। वर्ष 2009 में अखिलेश का विवाह हुआ था। अखिलेश के एक बेटे और एक बेटी है।पुलिस अधिकारी रातभर ज्वालापुर कोतवाली में ही डटे रहे। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सीओ डॉ. पूर्णिमा गर्ग समेत अन्य अधिकारी ज्वालापुर कोतवाली में रहे। दूसरी ओर एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
नाबालिग परिजनों को सौंपी
पुलिस ने नाबालिग लड़की को बरामद करने के बाद उसे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया है। जहां से उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।