हरिद्वार,राजकीय पीजी कॉलेज की वरिष्ठ प्राध्यापिका को डिजिटल अरेस्ट कर 1.11 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। व्हाट्सएप कॉल पर खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर आरोपी ने प्राध्यापिका को झांसे में लिया। इसके बाद इस कदर दहशतजदा कर दिया कि 11 दिनों में उन्होंने न सिर्फ अपनी जमापूंजी गंवाई बल्कि रिश्तेदारों से भी रकम लेकर ठगों के हवाले कर दिया।इसके बाद हिम्मत जुटा प्राध्यापिका ने कोटद्वार कोतवाली पहुंच आपबीती सुनाई। फिर कोटद्वार साइबर सेल में जीरो एफआईआर दर्ज कर मामला एसटीएफ देहरादून को स्थानांतरित कर दिया गया
राजकीय महाविद्यालय कोटद्वार में कार्यरत वरिष्ठ प्राध्यापिका ने प्राचार्य एवं अन्य स्टाफ के साथ कोतवाली पहुंचकर घटना के संबंध में शिकायत दी है। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह अपने आवास पर अकेली रहती हैं। बीती आठ दिसंबर को उनके पास अज्ञात नंबर साइबर ठग ने व्हाट्सएप पर कॉल किया। साथ ही खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर प्राध्यापिका का नंबर संगीन मामले में शामिल होने की बात कही। प्राध्यापिका के अनुसार, बातचीत के दाैरान मामला संगीन बताते हुए आरोपी ने किसी भी समय गिरफ्तारी का डर दिखाया
इसके साथ ही उन्हें कॉल कट नहीं करने और लगातार व्हाट्सएप पर संपर्क में रहने का मानसिक दबाव बनाया। फिर बचाव के लिए उनसे रुपयों की डिमांड की गई। प्राध्यापिका ने पीछा छुड़ाने के लिए अपनी समस्त जमा पूंजी बताए गए नंबर पर ट्रांसफर कर दी। इसके बाद प्राध्यापिका को फिर से डिजिटल अरेस्ट कर उनसे और रुपयों की डिमांड की गई। इस बार उन्होंने अपने संबंधियों की मदद से भी लाखों रुपये ट्रांसफर कर दिए। अलग-अलग तारीखों (8,16,18 व 19) में साइबर ठगों को 1.11 करोड़ रुपये देने के बाद प्राध्यापिका की आंख खुली।वरिष्ठ प्राध्यापिका को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे एक करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी के मामले में जीरो एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही जांच के लिए इसे साइबर थाना/एसटीएफ देहरादून रेफर किया गया है
















