हरिद्वार, टोक्यो पैरालंपिक में भारत की अवनि लेखरा और सुमित अंतिल ने इतिहास रच दिया है। अवनि ने निशानेबाजी में महिलाओं की 10 मीटर एयर स्पर्धा एसएच-1 में स्वर्ण पदक अपने नाम किया तो सुमित ने भाला फेंक की एफ-64 स्पर्धा में गोल्ड जीता। यह पहली बार है कि भारत ने पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण जीते हैं। सुमित ने पहले प्रयास में 66.95 मीटर तक भाला फेंका और अपना 2019 में दुबई में बनाया गया 62.88 मीटर का विश्व रिकॉर्ड रिकॉर्ड तोड़ा। इसके बाद सुमित ने दूसरे प्रयास में एक और नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस बार उन्होंने 68.08 मीटर तक भाला फेंका। हालांकि तीसरे प्रयास में उन्होंने 65.27 मीटर तक ही भाला फेंका। इसके बाद चौथे प्रयास में उन्होंने 66.71 मीटर की दूरी तय की। पांचवें प्रयास में सुमित ने एक बार फिर से अपनी ताकत से दुनिया को रूबरू कराया और इस बार एक और नया विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए 68.55 मीटर दूर तक भाले को फेंक दिया।
भारत के लिए यह दिन का दूसरा गोल्ड मेडल आया। इससे पहले निशानेबाजी में पैरा शूटर अवानी लेखरा ने 10 मीटर एयर राइफल्स में स्वर्ण पदक जीता है।
अवानी ने फाइनल में 249.6 का स्कोर किया, जो कि वर्ल्ड रिकार्ड के बराबर है। अवानी पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। भारत के लिए यह बड़े गौरव की बात है क्योंकि सुमित ने ना सिर्फ गोल्ड मेडल जीता बल्कि बाकि सभी प्रतियोगियों को काफी पीछे छोड़ते हुए जीता। इस इवेंट में बाकी सभी प्रतियोगी उनके आस पास भी नजर नहीं आए। जयपुर की रहने वाली यह 19 साल की निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं. उनकी रीढ़ की हड्डी में 2012 में कार दुर्घटना में चोट लग गई थी. उन्होंने 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की. यह पैरालंपिक खेलों का नया रिकॉर्ड है.फाइनल में शांतचित्त होकर अपने काम को अंजाम देने वाली अवनि ने कहा, ‘‘मैं स्वयं से यही कह रही थी कि मुझे एक बार केवल एक शॉट पर ध्यान देना है. अभी बाकी कुछ मायने नहीं रखता. केवल एक शॉट पर ध्यान दो.’ उन्होंने कहा, ‘मैं केवल अपने खेल पर ध्यान दे रही थी. मैं स्कोर या पदक के बारे में नहीं सोच रही थी.’
टोक्यो में भालाफेंक में भारत के लिए एक महीने के भीतर ही दूसरा गोल्ड मेडल है। इससे पहले इसी महीने टोक्यो ओलिंपिक में नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए भालाफेंक में गोल्ड मेडल हासिल किया था।