हरिद्वार, दुनिया के कई देशों में आतंक फैला रहे कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर उत्तराखंड सरकार सतर्क हो गई है। केंद्र के निर्देशों के तहत मंगलवार को ओमिक्रॉन को लेकर एसओपी जारी की गई, जिसके तहत प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में 18 वर्ष से ऊपर के छात्र-छात्राओं की रैंडम सैंपलिंग सहित कई प्रावधान किए गए हैं।कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर सरकार की ओर से नई एसओपी जारी की गई है। सरकार ने सख्ती करने के फैसले के साथ ही राज्य में फिर से कोविड प्रतिबंधों की शुरुआत कर दी गई है। एक दिसंबर से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। मुख्य सचिव एसएस संधू की ओर से जारी एसओपी के अनुसार कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन से बचाव के लिए अब बार्डर, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, भीड़भाड़ वाले स्थानों और पर्यटक स्थलों पर रेंडम जांच की जाएगी।
मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू की ओर से जारी एसओपी के मुताबिक, प्रदेश में हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशन, बॉर्डर चेकपोस्ट, पर्यटक स्थलों व भीड़भाड़ वाली जगहों पर कोविड की रैंडम सैंपलिंग की जाएगी। कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सभी स्वास्थ्यकर्मियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स की कोविड जांच की जाएगी। सभी डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, एग्रीकल्चर कॉलेज, यूनिवर्सिटीज व अन्य शिक्षण संस्थानों में 18 वर्ष से ऊपर के छात्र-छात्राओं की रैंडम जांच की जाएगी।
ओमिक्रोन को लेकर उत्तराखंड अलर्ट मोड पर
हर जिले में प्रतिदिन 40 हजार टेस्टिंग का रखा गया है लक्ष्य।
स्कूल-कालेज, बार्डर चेक पोस्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, पर्यटन स्थल और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर होगी रैंडम सैंपलिंग।
राज्य की सीमा से लगे नेपाल से आवाजाही को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का प्रमाणपत्र रखना अनिवार्य।
सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी, मास्क पहनना और सैनिटाइजेशन का सख्ती से होगा अनुपालन।
सार्वजनिक स्थानों पर थूकना होगा गैरकानूनी, उल्लंघनपर जुर्माना।
अंतरराष्ट्रीय बार्डर चेक पोस्ट पर भी रैंडम टेस्ट किए जाएं।
अंतरराष्ट्रीय बार्डर चेक पोस्ट पर भी होंगे रैंडम टेस्ट।
विदेश से आए जो यात्री होम क्वारंटाइन हैं, उनकी होगी निगरानी।