हरिद्वार, वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मे शिवलिंग मिलने से हिंदू संगठन में खुशी की लहर दिखाई दे रही है वही शिवलिंग मिलने के बाद कोर्ट ने उस एरिया को सील करने का आदेश दे दिए हैं वही अब कर्नाटक में टीपू सुल्तान के समय से एक मस्जिद बनी हुई है जिसमें हिंदू संगठनों का कहना है कि पहले यह हनुमान मंदिर हुआ करता था जो अब एक मस्जिद है इसमें कही ना कही सियासत नजर आ रही है जो आपस में जहर घोलने काम कर रही है
मिली जानकारी अनुसार न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक राइट विंग के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को शहर के जामिया मस्जिद में हनुमान की मूर्ति की पूजा करने की अनुमति मांगी है. सभी कार्यकर्ताओं ने पूजा की मांग को लेकर मांड्या के उपायुक्त को एक ज्ञापन भी सौंपा है.
उनका दावा है कि 1782 में हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने के बाद टीपू सुल्तान द्वारा मस्जिद का निर्माण किया गया था। यह साबित करने के लिए पुख्ता सबूत हैं कि मस्जिद कभी हिंदू मंदिर थी। मस्जिद के अंदर तत्कालीन होयसला साम्राज्य के प्रतीक हैं। मंजूनाथ का कहना है कि हिंदुओं को इसमें पूजा करने की अनुमति दी जाए। मस्जिद अधिकारियों ने दक्षिणपंथी नेताओं से सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन से संपर्क किया है।
बेंगलुरु से 120 किलोमीटर की दूरी पर श्रीरंगपट्टन में एक मस्जिद है। कहा जाता है कि श्रीरंगपट्टन टीपू सुल्तान की राजधानी हुआ करता था। यहीं किले में यह जामिया मस्जिद है। कहा जाता है कि विजय नगर साम्राज्य के समय में यह किला बनाया गया था। बाद में टीपू सुल्तान ने इसपर कब्जा कर लिया। मस्जिद के अंदर मिले पारसी लेखों से पता चलता है कि मस्जिद का निर्माण 1782 में हुआ था।
इसी बीच कर्नाटक के मंत्री के ईश्वरप्पा ने भी कहा है कि मुगल काल में भारत में करीब 36 हजार मंदिरों को तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि कानून का सहारा लेकर उन मंदिरों को वापस बनाया जाएगा। इसमें किसी को परेशानी नहीं होगी। वहीं अब मस्जिद के अधिकारियों ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।