हरिद्वार, आज उत्तराखण्ड मे इगास बग्वाल बड़े उल्लास के साथ मनाया जाएगा वही सीएम धामी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड वासियों को शुभकामनाएं दी
मिली जानकारी अनुसार राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने अपने संदेश में कहा कि यह पर्व प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली लाए। यह त्यौहार उत्तराखंड की लोक संस्कृति का प्रतीक है। यह पूर्वजों की धरोहर व पर्वतीय संस्कृति की विरासत है। राज्यपाल ने कहा कि हमें अपने लोकपर्व व संस्कृति को संरक्षित रखने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संदेश में कहा कि हमारे लोकपर्व हमारी समृद्ध संस्कृति की पहचान हैं। यहां इगास व बूढ़ी दीवाली मनाने की परंपरा है। सभी इस त्यौहार को मना सकें, इसलिए सरकार ने इस पर्व पर अवकाश घोषित किया है।
यह पर्व उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपरा का प्रतीक है। यह पर्व हमारे पूर्वजों की धरोहर व पर्वतीय संस्कृति की विरासत है। हमें अपने लोकपर्व व संस्कृति को संरक्षित रखने की आवश्यकता है। विशेषकर राज्य के युवा वर्ग को इस दिशा में मिलकर कदम बढ़ाने चाहिए।
आज भैलो खेलकर और पहाड़ी व्यंजनों के साथ ग्रामीण धूमधाम से पर्व मनाएंगे। इगास के दिन घरों में कोठार (अनाज रखने के लिए लकड़ी का बर्तन) में नया अनाज भी भरा जाता है। जनपद के बच्छणस्यूं, रानीगढ़, धनपुर, तल्लानागपुर सहित जखोली ब्लॉक के भरदार क्षेत्र और ऊखीमठ ब्लॉक के केदारघाटी के गांवों में इगास का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
इगास पर्व को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। कई क्षेत्रों में मान्यता है कि भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटने की सूचना 11 दिन बाद मिलने के कारण दिवाली के 11वें दिन पर्व मनाया जाता है। वहीं कई जगह कहा जाता है कि वीर माधो सिंह भंडारी तिब्बत युद्ध पर गए थे और दिवाली तक लौटे नहीं। ऐसे में क्षेत्र में दिवाली नहीं मनाई गई। इसके बाद वीर माधो सिंह भंडारी दिवाली के 11वें दिन युद्ध जीतकर लौटे तो उनके लौटने की खुशी में क्षेत्रभर में धूमधाम से दिवाली मनाई गई।