अर्नब गोस्वामी, पुलिस वैन से चिल्लाए, खतरे में है मेरी जिंदगी

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आत्महत्या के लिए उकसाने वाले केस में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जमानत याचिका खारिज होने के बाद अर्णब गोस्वामी को 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया था। अब रविवार को उन्हें अलीबाद क्वारंटाइन सेंटर से तलोजा जेल शिफ्ट किया गया। इस दौरान पुलिस वैन से चिल्लाते हुए अर्णब ने कहा कि उनकी जिदंगी खतरे में है। जेल में उन्हें यातना दी जा रही है। पुलिस वैन से अर्णब ने कहा कि मेरी जिदंगी खतरे में है। मुझे अपने वकीलों से नहीं मिलने दिया जा रहा है। आज सुबह भी मुझे धक्का दिया गया और परेशान किया गया। उन्हें मुझे सुबह छह बजे जबरन उठा दिया। उन्होने कहा कि वे मुझे अपने वकीलों से नहीं मिलने दिया जाएगा। मैं देश के लोगों से कहना चाहता हूं कि मेरी जिंदगी खतरे में है। वैसे अर्नब की मुसीबत कम होती दिखाई नहीं दे रही है। बांबे हाई कोर्ट से अर्नब गोस्वामी को शनिवार को भी जमानत नहीं मिल सकी। सभी पक्षों को सुनने के बाद बांबे हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से विचार-विमर्श के बाद जल्द फैसला सुनाएगी। उच्च न्यायालय का कहना है कि इस बीच सभी पक्ष सत्र न्यायालय में जाने के लिए स्वतंत्र हैं।

वही अलीबाग पुलिस ने सत्र न्यायालय में रायगढ़ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें अर्नब को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस मामले में भी सोमवार को सुनवाई होनी है। अर्नब के वकील उच्च न्यायालय में लगातार आरोप लगाते आ रहे हैं कि राज्य सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। वह अर्नब द्वारा सरकार की कमियां उजागर करने एवं उसके विरुद्ध सवाल खड़े करने के कारण उन्हें प्रताड़ित कर रही है।

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