हरिद्वार,पुरानी पेंशन समेत कई मांगों को लेकर सोमवार और मंगलवार को बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। केनरा, पीएनबी, यूनियन, सेंट्रल बैंक समेत कई बैंकों के कर्मचारी इस हड़ताल के पक्ष में हैं।
वहीं राज्यभर में हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है। बैंकों की इस हड़ताल में भारतीय स्टेट बैंक शामिल नहीं हैं, जबकि उत्तराखंड ग्रामीण बैंक में हड़ताल को नैतिक रूप से समर्थन दिया है।
बैंक कर्मियों की पांच प्रमुख मांगें हैं। इनमें पांच दिन का कार्य सप्ताह, चाइल्ड केयर लीव, एनपीएस को बंद कर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के साथ एलआईसी और बैंकों में महंगाई भत्ता विसंगति दूर की मांग की जा रही है। बैंक कर्मियों का कहना है आगे भी हड़ताल की जा रही है
एसबीआई ने पहले ही वित्त वाले विभागों को हड़ताल की सूचना देकर कहा था कि अपने काम समय से निपटा लें। जिसके चलते कुछ बैंकों ने 24 मार्च तक काम पूरे कर लिए थे। मगर अधिकांश बैंकों के काम अब भी लटके हैं। वहीं आशंका यह भी जताई जा रही है कि इस वित्तीय वर्ष में जरूरी टैक्स नहीं जमा करने वालों को 31 के बाद जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
मार्च फाइनल का बैंकों में काम चल रहा है। दो दिन की हड़ताल होती है तो 500 करोड़ से अधिक धनराशि के चेक क्लीयरेंस नहीं हो पाएंगे। इसके अलावा एडवांस टैक्स जमा नहीं हो सकेगा।200 करोड़ का कारोबार रहा प्रभावित: बैंक यूनियनों की ओर से बुलाई गई हड़ताल में भारतीय स्टेट बैंक से जुड़ी कर्मचारी यूनियनों ने हिस्सा नहीं लिया। इसके चलते एसबीआइ आदि में कामकाज चलता रहा, जबकि यूनियन बैंक, केनरा बैंक एवं सेंट्रल बैंक आदि में कामकाज प्रभावित रहा। बैंक अधिकारियों की मानें तो करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये का लेनदेन पहले दिन की हड़ताल से प्रभावित रहा है।
यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस मौके पर यूनियन के सचिव सतीश शर्मा, जितेंद्र शर्मा, घनश्याम, अनिल कुमार, पवन कुमार, संजीव कुमार, विष्णु, अरुण सिंह बिष्ट, रमेशपाल, ऋषिपाल, देशराज, निशांत, बबलू, राजेश कुमार आदि मौजूद रहे।