हरिद्वार, अक्षय तृतीया पर गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट खोल दिए गए हैं जिसके बाद चार धाम की यात्रा शुरू हो गई है वहीं करोनो भी लगातार बढ़ता नजर आ रहा है अक्षय तृतीया पर्व पर शनिवार को गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:35 बजे और यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:41 बजे खोले जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल व बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे। वहीं इसके साथ ही आज यानी 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा का श्रीगणेश भी हो जाएगा।
मिलि जानकारी अनुसार आज अक्षय तृतीय पर शुभ मुहूर्त है इसमें लोग जमकर खरीदारी करते हैं वहीं उत्तराखंड में चार धाम यात्रा आज से शुरू हो गई है अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट खोल दिए गए हैं मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले यात्रियों की संख्या को सीमित रखने की बात कही थी लेकिन अब यह निर्णय वापस लिया गया
चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्री बड़ी संख्या में उत्तराखंड पहुंचने लगे हैं। शनिवार से खुल रहे यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के दर्शनों के लिए यात्रियों ने प्रस्थान कर लिया है। उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। हालांकि, रुक-रुक कर हो रही बारिश और बर्फबारी के कारण तैयारियों में परेशानी आ रही है। यात्री भी परेशान हो रहे हैं, लेकिन देव दर्शन की इच्छा के चलते उनके उत्साह में कोई कमी नहीं है।
चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य रहेगा। इसके लिए आनलाइन के साथ ही आफलाइन का विकल्प भी रखा गया है। उधर, शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश से 2200 यात्रियों के पहले जत्थे को गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए रवाना किया।प्रदेश की आर्थिकी के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण चारधाम यात्रा को लेकर सरकार फरवरी से ही तैयारियों में जुट गई थी। चारों धामों की यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
21 फरवरी से आनलाइन पंजीकरण खोले गए हैं। अब तक 16 लाख से अधिक यात्री पंजीकरण करा चुके हैं। इसके साथ ही सरकार ने चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी थी। बदरीनाथ में प्रतिदिन 18000, केदारनाथ में 15000, गंगोत्री में 9500 व यमुनोत्री में 5500 प्रतिदिन की संख्या तय की गई थी। कुछ समय पहले तीर्थ पुरोहितों और चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े कारोबारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर इस सीमा को हटाने का आग्रह किया था।