उत्तराखंड, ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट हाईकोर्ट ने दिखाई हरी झंडी

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बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को जोड़ने वाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम आलवेदर रोड परियोजना धार्मिक आस्था और पर्यटन को सुलभ बनाने के साथ ही देश की सामरिक जरूरतों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें चौड़ी और अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कों के माध्यम से चीन सीमा तक पहुंच आसान बनाए जाने का काम किया जाना है। सामरिक व सैन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चीन सीमा तक पहुंचने वाले तीन राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण को अनुमति दी है

ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत कुल 889 किमी सड़कों में से 724 किमी सड़कों पर काम या तो पूरा हो चुका है या फिर अंतिम चरण में है। जबकि 165 किमी हिस्से में अब काम शुरू होना है। इस काम के पूरा हो जाने के बाद परियोजना पूरी हो पाएगी। इस परियोजना के तहत अभी तक आठ हजार करोड़ से अधिक का खर्च हो चुका है।

अब तक पूरी हो जाती परियोजनाएं
ऑल वेदर रोड परियोजना के नोडल अफसर रहे व लोनिवि के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा का कहना है कि यदि परियोजना के तहत निर्माण कार्यों पर रोक नहीं लगती तो अभी तक अन्य हिस्सों की भांति रोक वाले क्षेत्रों में भी काम पूरा होने की स्थिति में पहुंच जाते। इससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को भी राहत मिलती है

करीब 12 हजार करोड़ की चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना के पूर्ण होने पर सरहद तक सेना की पहुंच आसान हो सकेगी। साथ ही उत्तराखंड की आर्थिकी के मुख्य आधार पर्यटन कारोबार को मजबूती मिलेगी। पर्यावरणीय कारणों से चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना के एक हिस्से पर काम ठप था। मामला न्यायालय में होने के कारण परियोजना के पूरे होने पर प्रश्न चिह्न लग गया था। यह सवाल गहरा रहा था कि प्रोजेक्ट अपने वास्तविक स्वरूप में धरातल पर उतर पाएगा कि नहीं। सीमांत जिले उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ तक फैली सरहद तक सड़क पहुंचाने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने भी अदालत में अपना पक्ष रखा। न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा को महत्व देते हुए परियोजना के निर्माण को हरी झंडी दिखा दी है

वही चारधाम ऑलवेदर सड़क परियोजना के निर्माण से तीन बड़े फायदे होंगे। पहला सीमांत इलाकों तक सेना साजो-सामान के साथ आसानी से आवागमन कर सकेगी। दूसरा सीमांत गांवों में बसी आबादी तक संसाधन और सुविधाओं को पहुंचाना सुगम होगा और पलायन रोकने में मदद मिलेगी। तीसरा परियोजना के बनने से पर्यटन कारोबार को मजबूती मिलेगी। रोजगार की नई संभावनाएं पैदा होंगी।

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