उत्तराखंड, कालिंदी हास्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट पर आयुष्मान कार्ड के नाम पर 246 मरीजों का फर्जी इलाज लगा एक करोड का जुर्माना

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हरिद्वार, उत्तराखंड में लगातार फर्जीवाड़ा चल रहा है कभी जमीनों पर तो कभी नौकरी पर वही अब फर्जीवाड़ा अस्पताल तक भी पहुंच चुका है यह पहला मामला नहीं जब अस्पताल में फर्जी बढ़ा हुआ है इससे पहले भी कई बार आयुष्मान कार्ड पर फर्जीवाड़े हुए है वही कई अस्पतालों पर नोटिस जारी किए गए और जुर्माना भी लगाया गया है राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने जीवनगढ़, विकासनगर स्थित कालिंदी हास्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के 243 क्लेम के आडिट में यह गड़बड़ी पकड़ी है। जिसमे अस्पताल में दोस्त वाली मरीजों का आयुष्मान कार्ड पर फर्जी इलाज दिखाया गया और 50 लाख रुपए का क्लेम कर पेश दिया इसके बाद अब अस्पताल को इस योजना से बाहर कर नोटिस जारी दिया गया

मिलि जानकारी अनुसार राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि अस्पताल के क्लेम आडिट में यह गड़बड़ी पकड़ में आई। पता चला कि यूरोलाजी के 173, जनरल मेडिसिन के 48 व जनरल सर्जरी के 22 मामलों में डा. एचएस रावत को ट्रीटिंग डाक्टर दिखाया गया है।अस्पताल ने क्लेम के दस्तावेज में जिस चिकित्सक के नाम व हस्ताक्षर दर्शाए हैं, वह न अस्पताल में कार्यरत और न कभी यहां मरीजों का उपचार किया। खुद चिकित्सक ने लिखित रूप में इसकी पुष्टि की है।

अस्पताल से होगी एक करोड़ की वसूली राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया 5000000 के फर्जी बिल भेजने के मामले में अस्पताल को जल्द ही ₹5000000 की वसूली होगी वही गलत क्लेम करने पर 5000000 का जुर्माना भी लगाया जाएगा इस प्रकार साल से एक करोड रुपए वसूले जाएंगे तीन सालों में अभी तक 50करोड से अधिक की धोखाधड़ी पकड़ी गई है

वहीं, ओटी नोट्स, क्लीनिकल नोट्स व डिस्चार्ज समरी में भी डा. रावत के नाम एवं हस्ताक्षर से क्लेम पेपर अपलोड किए गए हैं। जबकि डा. रावत ने उपचार ही नहीं किया। इसकी पुष्टि स्वयं डा. रावत ने लिखित रूप में की है। यह भी कहा है कि ओटी नोट्स, क्लीनिकल नोट्स व डिस्चार्ज समरी में हैंड राइटिंग उनकी नहीं है। न ही इनमें किसी भी प्रपत्र में उनके हस्ताक्षर हैं।

अस्पताल को नोटिस का जवाब देने के लिए पांच दिन का समय दिया गया है। यदि अस्पताल प्रशासन उक्त अवधि में कोई जवाब नहीं देता है, तो यह माना जाएगा कि उन्हें इस संबंध में कुछ नहीं कहना है। ऐसे में आगे की कार्रवाई एक पक्षीय की जाएगी।

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