उत्तराखंड -:बाहर से आने-जाने वालों पर प्रतिबंध नहीं, नई गाइडलाइन जारी

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हरिद्वार -:आपको बता दें कि केंद्र सरकार के गृह सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र जारी किया है। इसमें लिखा है कि प्रदेश के भीतर और बाहर आने-जाने वाले लोगों और वस्तुओं की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से अपने स्तर पर परमिट की व्यवस्था अगर की गई है तो यह जारी नहीं रहेगी। उन्होंने आवाजाही के लिए राज्य सरकार या जिला प्रशासन से किसी भी तरह की अनुमति या ई-परमिट की जरूरत से इनकार किया है। केंद्र का पत्र मिलने के बाद राज्य सरकार भी हरकत में आ गई है। इस वक्त प्रदेश में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की संख्या को सीमित किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा जारी आदेशों के अनुसार दूसरे राज्यों से आने वालों को https://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration-php पर अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। संवेदनशील क्षेत्रों से आने वालों में से केवल गर्भवती महिलाओं, 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो, गंभीर बीमार, परिवार में मृत्यु और 10 साल से छोटे बच्चों के अभिभावकों को ही संस्थागत क्वारंटाइन से छूट मिलेगी।

संवेदनशील जिलों में किसी काम से जाने वालों को वापसी पर 14 दिनों के होम क्वारंटाइन पर ही रहना होगा। दूसरे राज्यों से आने वाले ऐसे लोग, जो औद्योगिक प्रबंधन, वाणिज्यिक कार्यों अथवा तकनीकी विशेषज्ञ के तौर पर आएंगे, उन्हें संबंधित संस्थाओं द्वारा आवंटित क्वारंटाइन सेंटरों में रहना होगा। यहीं से ये लोग संबंधित संस्थाओं तक आएंगे। कार्य समाप्त होने के पश्चात ये वापस चले जाएंगे। इन पर 14 दिनों के क्वारंटाइन का नियम लागू नहीं होगा।अब दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने या उत्तराखंड के अंदर एक जिले से दूसरे जिले में जाने में किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस संबंध में अगले कुछ समय में राज्य सरकार की ओर से विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। दरअसल दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वाले लोगों की संख्या को अभी तक सीमित किया गया था, आरटी पीसीआर टेस्ट के बिना 1 दिन में सिर्फ 2000 लोग दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आ सकते थे, लोगों को राज्य सरकार की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन भी कराना होता था। लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से एक पत्र सभी राज्यों को लिखा गया है, इस पत्र में साफ कहा गया है कि यदि कोई राज्य दूसरे राज्यों से अपने यहां वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाता है या राज्य के अंदर एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाता है तो यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों का उल्लंघन होगा। 

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