उत्तराखंड, सुप्रीम कोर्ट का फैसला हल्द्वानी मे अभी नहीं चलेगा बुलडोजर

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हरिद्वार,सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में करीब 50 हजार लोगों को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस आदेश पर स्टे लगा दिया है, जिसमें रेलवे को सात दिन में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 7 दिन में अतिक्रमण हटाने का फैसला सही नहीं है। मामले पर अगली सुनवाई 7 फरवरी 2023 को निर्धारित की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार, रेलवे और अन्य पक्षकारों को जवाब दाखिल करने को कहा है।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की बेंच ने इस केस की सुनवाई की. याचिकाकर्ताओं की ओर से कॉलिन गोंजाल्विस ने बहस की. उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश के बारे में बताया और कहा कि ये भी साफ नहीं है कि ये जमीन रेलवे की है. हाईकोर्ट के आदेश में भी कहा गया है कि ये राज्य सरकार की जमीन है. इस फैसले से हजारों लोग प्रभावित होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे की ओर से पेश ASG ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि क्या रेलवे और राज्य सरकार के बीच जमीन डिमार्केशन हुई है? वकील ने कहा कि रेलवे के स्पेशल एक्ट के तहत हाईकोर्ट ने कार्रवाई करके अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है. ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि कुछ अपील पेंडिंग हैं, लेकिन किसी भी मामले में कोई रोक नहीं है. रेलवे की जमीन पर 4365 अवैध निर्माण हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करेंगे. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊधम सिंह नगर में कहा कि वो रेलवे की भूमि है और रेल विभाग का हाई कोर्ट और उच्च न्यायालय में मुकदमा चल रहा था. हमने पहले ही कहा है कि जो भी न्यायालय का आदेश होगा हम उसके अनुरूप आगे कार्रवाई करेंगे.

सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि जिस जमीन को सरकार अपनी बताती रही है, वहां स्थानीय लोग आजादी से पहले से रहते आ रहे हैं. निगम के रिकॉर्ड में उनके नाम दर्ज हैं.

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