कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. इसके अलावा किसानों ने कहा है कि अगर 5 दिसंबर तक कानून वापस नहीं लिए गए तो दिल्ली के और रोड भी ब्लॉक किए जाएंगे आज सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए किसानों ने कहा कि एमएसपी पर सरकार से बात चल रही है लेकिन हम तीनों कानून वापस करवा कर रहे हैं. किसान नेता ने कहा, ”हम आंदोलन और तेज करेंगे. आठ दिसंबर को भारत बंद रहेगा, सभी टोल प्लाजा भी बंद करवाएंगे. इसके साथ ही दिल्ली आने वाले सभी रास्ते भी बंद किए जाएंगे.
आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने कहा कि आज तमिलनाडु में और कर्नाटक में हमारा प्रदर्शन था. अब इन किसानों को भी दिल्ली आने को बोल दिया. उन्होंने कहा कि पूरे देश के किसानों को दिल्ली आने का आह्वान किया. लड़ाई आर पार की होगी. पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता.
किसान नेता ने कहा कि कोरपोरेट फ़ार्मिंग किसान को मंज़ूर नहीं. हम डेडलाइन नहीं दे रहे हम सरकार को बता रहे हैं स्थिति ऐसे ही रही तो हर राज्य से और जत्थे दिल्ली लाए जाएंगे. हम विश्वास नहीं रखते लेकिन लोगों में सरकार के प्रति ग़ुस्सा बहुत है.
किसान नेताओं ने कहा, “कर्नाटक में 7 दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक विधानसभा के बाहर किसानों का धरना होगा. बंगाल में रास्ता रोको आंदोलन होगा. किसी सरकार में हिम्मत नहीं कि इस आंदोलन के आगे टिक जाए
दरअसल, मोदी सरकार ने संसद सत्र के दौरान कृषि संबंधी तीन बिलों को पास करवाया, जिसके बाद राष्ट्रपति की अनुमति होने पर कृषि कानूनों को लागू कर दिया गया। इस दौरान किसानों समेत कई दलों और राज्य सरकारों ने इसका जमकर विरोध किया। हरियाणा पंजाब के किसानों ने तो रेल रोको अभियान और भारत बंद तक का आह्वाहन कर डाला
बता दें कि दिल्ली के बाहर की अधिकतर सीमाओं को किसानों ने बंद कर रखा है। किसान संगठन सिंघू बॉर्डर और इधर यूपी गेट के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली एनसीआर की यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है।
वहीं, किसान संगठनों से जुड़े शीर्ष नेता कल यानी शनिवार को एक बार फिर केंद्र सरकार के मंत्रियों संग विज्ञान भवन में बैठक करेंगे। सरकार और किसानों के बीच हो रही बार-बार इस बैठक में किसान नए कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं।