कोरोना संकट में मरीजों के लिए वरदान बने जन औषधि केंद्र

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सहारनपुर में जमकर बिकी दवाएं,दो गुना से भो ज्यादा की हुई बिक्री

सहारनपुर। कोरोना वायरस के संकट काल में जनौषधि केंद्रों की उपयोगिता निर्विवाद रही। इस दौरान अन्य व्यवसाय भले ही चौपट हो गए हों पर जन औषधि केंद्रों पर दवाओं की जमकर बिक्री हुई। सहारनपुर की बात करें तो यहां करीब 12 लाख से ज्यादा की दवाएं जन औषधि केंद्रों पर बेची गईं। कम दाम में मिलने वाली इन दवाओं का लोगों ने लाभ लिया।

बता दें कि कोविड-19 महामारी के दौरान लॉक डाउन के दो महीनों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों से 12 लाख रुपये की दवा बिकी। इससे पहले तक इन केंद्रों से 9 से 10 लाख तक ही दवा बिकती रही। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की शुरूआत की थी। इस योजना के जरिए सरकार आम लोगों तक स्सती दवाएं पहुंचाना चाहती है। लोगों को इन केंद्रों पर मार्केट की तुलना में 50 से 90 फिसदी तक सस्ती दवाएं मिलती हैं। इस समय में 12 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र संचालित है। मार्च माह से कोरोना वायरस का प्रकोप फैला। लॉक डाउन में सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी बंद रही। अस्पतालों में इमरजेंसी मरीज ही देखें गए। 24 मार्च से लेकर 31 मई तक लॉक डाउन रहा। इस दो महीने के लॉक डाउन में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों से अच्छी खासी बिक्रि हुई। सबसे अधिक पैरासीटामोल, डायबिटीज, बीपी और दिल की बीमारियों आदि की दवाओं की बिक्री हुई। इस तरह से इन केंद्रों पर दो महीनों के अंदर 12 लाख रुपये की दवा बेची गई। जबकि लॉक डाउन से पहले जन औषिधि केंद्रों पर इस तरह की बिक्रि नहीं हुई। केंद्रों से जेनरिक दवाओं के बिक्रि होेने का कारण सस्ता होना है। क्योंकि दिल,शुगर,बीपी आदि की दवा मेडिकल स्टोर पर काफी महंगी पड़ती है। लेकिन जन औषधि केंद्रों पर यह 50 से 90 फिसदी छूट मिलती है। सीएमओ डाक्टर बीएस सोढ़ी ने बताया कि जनौषधि केंद्रों से मरीजों को पूरा फायदा मिला। उन्हें दवाओं की किल्लत नहीं हुई।
सहारनपुर
रिपोर्ट। रमन गुप्ता

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