भारत और चीन के बीच सीमा पर पिछले कई हफ़्तों से तनाव की स्थिति है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देश अपने सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा रहे थे.
अक्साई चीन में स्थिति गलवान घाटी को लेकर दोनों देशों के बीच इस तनाव की शुरुआत हुई थी.
भारत का कहना है कि गलवान घाटी के किनारे चीनी सेना के कुछ टेंट देखे गए हैं. इसके बाद भारत ने भी वहाँ फ़ैज की तैनाती बढ़ी दी है. वहीं, चीन का आरोप है कि भारत गलवान घाटी के पास रक्षा संबंधी ग़ैर-क़ानूनी निर्माण कर रहा है.
मई में दोनों देशों के बीच सीमा पर अलग-अलग जगह टकराव हो चुका है. नौ मई को नॉर्थ सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों में झड़प हुई थी. उसी दौरान लद्दाख़ में एलएसी के पास चीनी सेना के हेलिकॉप्टर देखे गए थे. इसके बाद भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई समेत दूसरे लड़ाकू विमानों से पेट्रोलिंग शुरू कर दी.
सोमवार को वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने भी चीन का ज़िक्र किया था.इस फैसले के बाद चीनी सेना ने पीछे जाने से मना कर दिया था हिंसक झड़प शुरू हो गई, जिसमें हमारे सीनियर अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए. अभी चीन की ओर से किसी जवान के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है. सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.