ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस बाद अब येलो फंगस मिलने से मचा हड़कंप,

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हरिद्वार,ब्लैक और व्हाइट फंगल की बीमारी के बीच अब पहली बार देश में येलो का मरीज भी मिलने से हड़कंप मच गया है। देश में पहली बार गाजियाबाद जिले में यलो फंगस का मामला सामने आया है। गाजियाबाद में यलो फंगस का पहला मामला सामने आने के बाद स्थानीय सर्जन डॉ. बीपी सिंह ने कहा कि जो मरीज उनके पास आया, वह संजय नगर इलाके में रहने वाला है और उसकी नंजल एंडोस्कोपी के बाद यलो फंगस के बारे में जानकारी मिली है। डॉक्टर बीपी सिंह ने यलो फंगस के बारे में बताया कि यह छिपकली जैसे रेपटाइल्स में होता था और यह जिस रेपटाइल जीव में होता है, वह जीवित नहीं बचता है, लेकिन पहली बार ऐसा मामला किसी इंसान में देखने को मिला है।

मिली जानकारी के अनुसार आज गाजियाबाद के संजय नगर इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति मे येलो फंगस देखने को मिला है जिसके वाद से क्षेत्र मे हड़कंप मच गया वही उसकी नंजल एंडोस्कोपी के बाद यलो फंगस के लक्षण मिले है यलो फंगस होने का मुख्य कारण गंदगी है और जिस सरीसृप जीव की इम्युनिटी कमजोर होती है उसे यलो फंगस की बीमारी जल्दी होती है। कोरोना में अब इंसानों की इम्युनिटी कम हो रही है तो इस कारण से भी यलो फंगस इंसानों को अपना शिकार बना रहा हो मेडिकल साइंस के मुताबिक यह म्युकस सेप्टिकस होता है। यदि किसी व्यक्ति के शरीर में घाव होता है और उस घाव को भरने में समय लगता है तो यह सेप्टीसीमिया पैदा कर सकता है, इस कारण के ऑर्गन डैमेज होने का खतरा भी रहता है।

इसके लक्षण नाक का बंद होना और अंगों का सुन्न होना। इसके अलावा बदन दर्द और शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होने इसके प्रमुख लक्षण हैं। साथ ही कई मरीजों में हार्ट रेट का बढ़ जाना और घावों से मवाद बहना और शरीर कुपोषित जैसे दिखने लगता है।

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