हरिद्वार, चांद पर भारत ने अपना तिंरगा फाराया है जिसके बाद अब सूर्य देव की बारी है भारत के वैज्ञानिकों ने आज सूरज के राज पता करने ‘आदित्य-एल1’ को भेजा है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से देश के पहले सोलर मिशन को लॉन्च किया गया। एक घंटे से ज्यादा की यात्रा के बाद इसे निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया। अगले लगभग चार महीनों में करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा कर यह L1 पॉइंट तक पहुंचेगा। सूर्य से कई करोड़ किलोमीटर दूर रहते हुए ‘आदित्य’ उसे लगातार निहारेगा
मिली जानकारी अनुसार भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य एल1 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के बाद इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा- मैं आदित्य-एल1 मिशन लिए पीएसएलवी को बधाई देता हूं. अब से, मिशन अपनी यात्रा शुरू करेगा. यह लगभग 125 दिनों की बहुत लंबी यात्रा है. बता दें कि आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान पीएसएलवी रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया है. इसरो ने कुछ देर पहले ही यह जानकारी दी थी. सूर्य का अध्ययन करने के भारत के महत्वाकांक्षी मिशन #AdityaL1 के बेहद सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बहुत-बहुत बधाई. पूरा देश बेहद उत्साहित है और अपने सुपर वैज्ञानिकों पर बेहद गर्व महसूस कर रहा है. इसके सभी उद्देश्यों को पूरा करने की कामना.
आदित्य-एल1 ने बिजली पैदा करना शुरू कर दिया. सौर पैनल तैनात हैं. इसरो का कहना है कि कक्षा को ऊपर उठाने के लिए पहली अर्थबाउंड फायरिंग 3 सितंबर को लगभग 11:45 बजे निर्धारित है.
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। इसरो को भी भारत के पहले सौर मिशन आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।
श्रीहरिकोटा से आदित्य-एल1 को लेकर इसरो के पीएसएलवी रॉकेट के उड़ान भरने के दौरान भीड़ ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।