हरिद्वार। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के किसानों एवं पदाधिकारियों की मांगे मनवाते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने 6 दिनों से चल रहे सहायक गन्ना आयुक्त कार्यालय हरिद्वार पर धरने को समाप्त कराया। उन्होंने गन्ना तौल केंद्रों की पिछले साल की व्यवस्था बहाल करवाते हुए, लिब्बरहेड़ी चीनी मिल की घटतौली की जांच कराकर तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि गन्ने का उचित मूल्य घोषणा कराने के लिए किसानों का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलवाने का आश्वासन दिया। मांगे माने जाने पर किसानों ने स्वामी यतीश्वरानंद के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताते हुए आभार जताया।
शनिवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद सहायक गन्ना आयुक्त कार्यालय पर चल रहे भाकियू टिकैत के पदाधिकारियों एवं किसानों के धरने प्रदर्शन पर पहुंचे। किसानों ने बताया कि कुछ गन्ना चीनी मिलों की हठधर्मिता के चलते हुए दूसरे दूसरे चीनी मिलों के गन्ना तौल केंद्र नहीं लगने दिए हैं, वे एक जिले में दो तरह की व्यवस्था के खिलाफ थे। खासकर लिब्बरहेडी चीनी मिल के तौल केंद्र दूसरी मिल के क्षेत्र में लगाए जाने से अन्य चीनी मिल बंद होने के कगार पर है। इस व्यवस्था को समाप्त कराते हुए स्वामी यतीश्वरानंद ने गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा से बातकर कार्रवाई कराईं। गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी ने गन्ना मूल्य घोषित कराने की मांग उठाई तो स्वामी यतीश्वरानंद ने किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलाकर उचित मूल्य दिलवाने का आश्वासन दिया। किसानों ने लिब्बरहेडी चीनी मिल पर घटतौली का अरोप लगाया तो स्वामी यतीश्वरानंद ने सहायक गन्ना आयुक्त को क्रय केंद्रों की मौके पर पहुंचकर जांच कराकर कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने बताया कि पिछले कार्यकाल में गन्ना मूल्य उत्तर प्रदेश से पांच रुपये अधिक और गन्ना ढुलाई में डेढ़ रूपये कटौती कराने का काम किया गया।
धरने प्रदर्शन का संचालन कर रहे जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने पूर्व गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद द्वारा कराई गई कार्रवाई पर उनका आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में किसी भी गन्ना क्रय सेंटर लगवाने की व्यवस्था कराई थी, जोकि इस साल बंद करा दी थी, लेकिन फिर से बहाल कराए जाने से किसानों का गन्ना समय से निपट जाएगा।
इस मौके पर प्रदेश महासचिव रवि कुमार, विपुल कुमार, सुक्रमपाल, इंद्रजीत, चमन लाल शर्मा, सरदार बलबीर सिंह, सुब्बा सिंह, जोगेंद्र सिंह ढिल्लो, प्रीत सिंह, रामधन बालियान, कालूराम, रामपाल, धर्मेंद्र प्रधान आदि शामिल हुए।