लक्सर सोसायटी रोड पर स्थित साईं शनि धाम मंदिर के पुरोहित (ज्योतिषाचार्य) पंडित अवनीश शर्मा के अनुसार सूर्य ग्रहण जब रविवार को लगता है तो ऐसे सूर्य ग्रहण को चूड़ामणि सूर्य ग्रहण कहा जाता है. 21 जून दिन रविवार को चूड़ामणि योग बन रहा है. किस राशि पर इस ग्रहण का क्या फल होगा इसके बारे में पंडित अवनीश शर्मा ने बताया कि यह ग्रहण मृगशिरा तथा आद्रा नक्षत्र व मिथुन राशि में लग रहा है अतः इस राशि नक्षत्र वालों को ग्रहण दान पाठ आदित्य हृदय स्तोत्र सूर्य मंत्र आदि का पाठ करना चाहिए निर्णय सिंधु अनुसार सूर्य ग्रहण में राहु का जप वे दान करना चाहिए विभिन्न राशि वालों के लिए यह ग्रहण का फल इस प्रकार रहेगा मेष राशि वाले धन लाभ होगा वृक्ष राशि वाले धन हानि होगी मिथुन राशि दुर्घटना चोट आदि का भय होगा कर्क राशि धन हानि होगी सिंह राशि लाभकारी रहेगा कन्या राशि रोग कष्ट दे सकता है तुला राशि चिंता और संतान भाव से कष्ट रहेगा वृश्चिक राशि शत्रु से भय रह सकता है धनु राशि स्वयं के लिए कष्टकारी है मकर राशि रोग शरीर में पीड़ा दे सकता है कुंभ राशि खर्च अधिक कार्य में विलंब होगा मीन राशि वालों के लिए ग्रहण लाभदायक रहेगा सभी राशि वाले जातक नमक लोहा सतनाजा काला कपड़ा छाया दान का दान ग्रहण के बाद अवश्य करें पंडित अवनीश शर्मा के अनुसार हर शहर का सूर्य उदय अलग होता जिस कारण ईसका प्रारम्भ समय हर शहर में अलग अलग होगा जिला हरिद्वार के सूर्योदय अनुसार सूर्य ग्रहण का समय इस प्रकार रहेगा
ग्रहण प्रारम्भ काल प्रातः : 10:17
परम ग्रास: 12:10
कंकण समाप्त: 14:02
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
सूतक प्रारम्भ 20 जून शनिवार रात्रि : 10:15, ग्रहण के पूर्ण होते ही सुतक समाप्त हो जायेग ग्रहण के दौरान पंडित अवनीश शर्मा ने बताया कि बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए. इस दौरान खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते या कुशा रखनी चाहिए.
ग्रहण के समय गर्भवती स्त्री को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि ऐसे समय में सूर्य से हानिकारक तरंगें निकलती हैं जो कि मां और बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक होती हैं. चाकू का प्रयोग नहीं करना है गर्भवती महिलाओं को खासतौर से सावधानी रखनी चाहिए इस दौरान सब्जी फल आदि नहीं काटना है.सूर्य ग्रहण के अशुभ असर से बचने के लिए प्रभावित राशि वाले लोगों को ग्रहण काल के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए या सुन भी में सकते हैं. ग्रहण समाप्त हो जाने पर स्नान करके उचित व्यक्ति को दान करने का विधान है.सूतक काल में पाठ-पूजा की जाती है. देवी देवताओं की मूर्तियां छूना नहीं चाहिए.
जय श्री अनंत कोटी ब्रम्हांड नायक राजाधिराज योगीराज परंब्रम्हं श्री सच्चिदानंद सदगुरू श्री साईनाथ महाराज की जय ……
“श्री साई शनि धाम मंदिर” लक्सर पं अवनीश शर्मा साई