हरिद्वार,उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी असद और गुलाम के एनकाउंटर के 2 दिन बाद अब अतीक अहमद की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई है. अतीक अहमद और अशरफ की हत्या उस वक्त हुई जब उन्हें मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था. अतीक अहमद पर सिर्फ 17 साल की उम्र में पहली हत्या का आरोप लगा था
मिलि जानकारी अनुसार गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जब दोनों को प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था तो तभी इस वारदात को अंजाम किया गया.
अतीक और अशरफ दोनों ही माफिया से बाहुबली नेता बने थे। लेकिन, पिछले 2 महीने माफिया परिवार के लिए बेहद खराब रहे। उमेश पाल हत्याकांड में नाम आया। अतीक को 44 साल में पहली बार सजा मिली। बेटे का एनकाउंटर हुआ। अंतिम समय पर उसकी लाश भी नहीं देख सका। यहां तक कि बेटे के जनाजे में भी नहीं जा पाया। अब 24 घंटे पहले जिस कसारी-मशारी कब्रिस्तान में बेटे को दफनाया गया, उसी में अतीक-अशरफ भी दफन होंगे।
17 साल की उम्र में अतीक पर दर्ज हुआ पहला केस
साल 1962… प्रयागराज का चकिया गांव। तांगा चलाने वाले फिरोज अहमद के घर एक लड़के का जन्म हुआ। नाम रखा अतीक अहमद। फिरोज घर में अकेले कमाने वाले थे। जैसे-तैसे पैसे का इंतजाम कर अतीक को पढ़ाते, लेकिन उसका पढ़ाई में एकदम मन नहीं लगता था। नतीजा ये हुआ कि वो 10वीं में फेल हो गया।
इसके बाद उसने पढ़ाई पूरी तरह छोड़ दी। अब उसे जल्द से जल्द अमीर बनने का चस्का लग गया। लेकिन, पैसा कमाने के लिए उसने मेहनत करना नहीं बल्कि एक शॉर्टकट को चुना। लूट और अपहरण करके पैसा वसूलने का शॉर्टकट अपनाया। वो रंगदारी वसूलने के लिए लोगों की हत्या तक को अंजाम देने लगा। साल 1979 में अतीक पर पहली बार एक हत्या का केस दर्ज हुआ। यहीं से शुरू हुई अतीक के क्रिमिनल बनने की कहानी।