हरिद्वार,आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की शनिवार को लाहौर में हत्या कर दी गई। उसे जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर गोलियां मारी गईं। पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई। वह 1990 से पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था। वह यहां मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था।
मिलि जानकारी अनुसार परमजीत पंजवड़ खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) का सरगना था, जो कि एक आतंकी संगठन है. वह पाकिस्तान में मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था. भारतीय एजेंसियों के अनुसार, चंडीगढ़ में 30 जून 1999 में पासपोर्ट कार्यालय के पास जो बम ब्लास्ट हुआ था, वो खालिस्तान कमांडो फोर्स के सरगना परमजीत सिंह पंजवड़ ने ही कराया था.
मनबीर सिंह चहेड़ू के नेतृत्व में अगस्त 1986 में पंथक कमेटी और दमदमी टकसाल के सहयोग से खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) का गठन किया गया था और वर्तमान में खालिस्तान कमांडो फोर्स की पहचान केसीएफ-पंजवड़ के रूप में की जाती है। अगस्त 1986 में मनबीर सिंह चहेड़ू को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद सुखदेव सिंह उर्फ सुखा सिपाही ने प्रमुख का पदभार संभाला। बाद में इस आतंकी संगठन की कमान पाकिस्तान में शरण लिए परमजीत सिंह पंजवड़ को सौंपी गई। पंजवड़ ने ही इस्लामी समूहों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के साथ संबंध बनाकर अपने संगठन को काफी मजबूत किया। पंजाब में 57 वर्षीय परमजीत पंजवड़ पर देशद्रोह, हत्या, साजिश, हथियारों की तस्करी व आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के मामले दर्ज हैं। पंजवड़ पूर्व सेना प्रमुख जनरल एएस वैद्य की हत्या और लुधियाना में देश की सबसे बड़ी बैंक डकैती के मामले में भी वांछित रह चुका है।