हरिद्वार,उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का फैसला पलट दिया है. उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है. इस बोर्ड का लंबे समय से विरोध हो रहा था और तीर्थ-पुरोहित इसे भंग करने की मांग पर आंदोलन कर रहे थे. माना जाता है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी साधु-संतों की नाराजगी की वजह से ही चली गई थी.
तीन दिन पहले तीर्थ पुरोहितों ने इस बोर्ड के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज़ करते हुए देहरादून में आक्रोश रैली निकाली थी और घोषणा की थी अगर इस बोर्ड को भंग नहीं किया गया तो पुरोहित विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार का घेराव करेंगे. इससे पहले 26 नवंबर को राइज़िंग उत्तराखंड कार्यक्रम में न केवल धामी ने जल्द फैसला लेने की बात कही थी, बल्कि महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने भी खुले तौर पर ऐलान कर दिया था कि सरकार इस बोर्ड को खत्म करने का फैसला ले चुकी है
देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों में उत्पन्न रोष को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लेने के संकेत दे दिए थे। मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने बीते सोमवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी थी। रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने फैसला लेने में देर नहीं लगाई। मंगलवार को उन्होंने बोर्ड को भंग करने की घोषणा कर दी। साथ ही कहा कि संबंधित अधिनियम को वापस लेने की कार्यवाही की जा रही है। आगामी विधानसभा सत्र में इसे वापस लिया जा सकता है। धामी सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर भाजपा की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार का फैसला पलट दिया।