उत्तराखंड, नए जिले को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा चर्चा करेंगें

0
31

हरिद्वार, आज मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड में लंबे समय से उठ रहे नए जिले बनने की बात करते हुए कहा देखा जाएगा कि उत्‍तराखंड में कहां-कहां पुनर्गठन हो सकता है, कहां वास्तव में इनकी आवश्यकता है। हम इस चर्चा को आगे बढ़ाएंगे, इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।

पिछले 10 वर्षों से नए जिलों के गठन को लेकर भाजपा और कांग्रेस लगातार घोषणाएं करती आ रही हैं, मगर राज्य को बने 21 वर्ष हो गए, नए जिलों के गठन को लेकर गंभीरता किसी पार्टी में नजर नहीं आई।

2011 में स्वतंत्रता दिवस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक ने चार नए जिलों के गठन की घोषणा की थी। तब यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत व डीडीहाट को नए जिले बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन फिर निशंक मुख्यमंत्री पद से हट गए और भुवन चंद्र खंडूड़ी मुख्यमंत्री बने। नए जिलों के गठन का शासनादेश भी जारी हुआ लेकिन 2012 में कांग्रेस के सत्ता में आने पर मसला लटक गया।

चुनाव से ठीक पहले हरीश रावत ने नए जिलों के गठन का इरादा जाहिर किया। उन्होंने नौ जिले बनाने की बात कही, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। 2021 में विधानसभा सत्र के दौरान नए जिलों कर मामला उठा, मगर सरकार से कोई स्पष्ट जवाब मिला नहीं।

हरीश रावत ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते नौ नए जिले बनाए जा रहे थे, लेकिन एक मंत्री के इस्तीफे पर अड़ जाने के कारण ऐसा कर नहीं पाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कुमाऊं दौरे के दौरान नए जिलों के गठन के लिए पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट की बात कही थी।

साल 2016 में मुख्यमंत्री बदलने के बाद हरीश रावत सरकार ने 8 जिलों को घोषित करने की बात कही थी डीडीहाट रानीखेत रामनगर काशीपुर कोटद्वार यमुनोत्री रुड़की ऋषिकेश इन सभी को जिला बनाने की तैयारी भी कर ली थी हरीश रावत ने नए जिलों का गठन के लिए 100 करोड़ की व्यवस्था करने की बात कही थी लेकिन उसके बाद फिर राजनीति में बदलाव हो गए और यह जिले से ठंडे बस्ते में चले गए

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here