सोमवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. कैबिनेट ने सोमवार को किसानों, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) और रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वालों के लिए फैसला लिया है. बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर ने कैबिनेट में लिए गए फैसले के बारे में जानकारी दी. आइए जानते हैं इस बैठक में लिए गए 10 बड़े फैसलों के बारे में…
कैबिनेट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदलने पर मुहर लग गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत आर्थिक पैकेज (Economic Package 2.0) में इसका ऐलान किया था 2006 के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग एक्ट को 14 साल बाद संशोधित किया गया है. इससे करीब 2 लाख कंपनियों को फायदा होगा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए इक्विटी स्कीम (Equity Scheme for MSME) को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. मुश्किल में फंसी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को 20,000 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूर किया गया है. इसके बाद सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग कंपनियां लिस्ट (MSME Listing) हो सकती हैं इसके साथ ही, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए 50,000 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश का ऐलान किया गया है. इसमें ये कंपनियां बाजार में लिस्ट होकर पैसा जुटा सकती हैंरेहड़ी लगाने वालों के लिए भी क्रेडिट स्कीम को मंजूरी दी गई है. सरकार ने इस योजना को ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि’ योजना नाम दिया है. शहरी आवास मंत्रालय ने विशेष सूक्ष्म ऋण योजना शुरू की है. इसके जरिए छोटे दुकानें चलाने वाले या रेहड़ी पटरी पर दुकान लगाने वाले लोन ले सकते हैं. यह योजना लंबे समय तक चलेगी.इसे एक साल के भीतर मासिक किस्त में लौटा सकते हैं. वक्त पर पैसा लौटाने वालों को 7 फीसदी ब्याज सब्सिडी के तौर पर खाते में जमा कर दिया जाएगा. इसमें किसी तरह की पेनल्टी का प्रावधान नहीं है
कैबिनेट ने 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी है. किसानों को मूल्य की तुलना में 50-83 फीसदी तक ज्यादा मिल सकेगा नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि आज तक गेहूं की खरीद 360 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है. पिछले साल तक 342 लाख मीट्रिक टन थी.धान की खरीद इस साल अब तक 95 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है. पिछले साल यह 90 लाख मीट्रिक टन थी. दलहन और तिलहन की खरीद इस साल अब तक 16.07 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है जो पिछले साल 15 लाख मीट्रिक टन थी