पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 102वीं जयंती मनाई गयी

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पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी जयंती कांग्रेसियों ने सादगी के साथ मनाई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंदिरा चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया और उनके बताएं मार्ग चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा आयरन लेडी के नाम से ख्याति प्राप्त स्व. गांधी ने कई ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए देश की एकता और अखंडता को कायम किया। इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं थी। उनके नेतृत्व में भारत देश का संपूर्ण विकास हुआ। उनके शासनकाल को आज भी लोग याद करते हैं। प्रखंड अध्यक्ष अफजल हुसैन ने कहा कि स्व. इंदिरा गांधी के शासनकाल में गरीब, दलित, मजदूर, किसान सहित सभी वर्ग के लोग अमन-चैन के साथ रहते थे।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री आयरन लेडी स्व. इंदिरा गांधी बचपन से ही सामाजिक रूप से समाज की सेवा में अग्रसर रहती थी और वह एक क्रांतिकारी के रूप में आजादी की लड़ाई में शामिल होती थी। उनके कार्यकाल में उन्होंने पाकिस्तान को ऐसा जख्म दिया, जिसकी टीस उस देश को हमेशा उसको महसूस होती रहेगी। पाकिस्तान के लिए यह जख्म 1971 के बांग्लादेश युद्ध के रूप में था। जिसके बाद पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए। पाकिस्तान के सैन्य शासन ने पूर्वी पाकिस्तान के नागरिकों पर जुल्म की इंतहा कर दी थी। उसके नतीजे में करीब एक करोड़ शरणार्थी भागकर भारत में चले आए थे। बाद में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ जिसमें न सिर्फ पाकिस्तान की शर्मनाक हार हुई बल्कि उसके 90,000 सैनिकों को भारत ने युद्धबंदी बनाया था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुऐ वरिष्ठ कांग्रेस नेता कांता प्रसाद कंडवाल ने कहा कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया। यह अध्यादेश देश के 14 निजी बैंकों के राष्ट्रीयकरण के लिए था। इन 14 बैंकों में देश का करीब 70 फीसदी जमा था। अध्यादेश पारित होने के बाद इन बैंकों का मालिकाना हक सरकार के पास चला गया। ऐसी आर्थिक समानता को बढ़ावा देने के लिए किया गया कार्य आज तक आमजन के हितों की रक्षा कर रहा है, परन्तु आज भाजपा सरकार में बैंकों पर सरकार के अध्यधिक हस्तक्षेप से बैंकों की स्तिथि दयनीय हो गई है जिससे आम जन को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है ।

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