हरिद्वार,ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारियों के नाम सोमवार दोपहर घोषित हो गए हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख घोषित किया गया है। उनके नामों की घोषणा शंकराचार्य जी की पार्थिव देह के सामने की गई। विधि-विधान से परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को समाधि दी गई। हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने जय गुरुदेव के नारे लगाए। संत-महंत और धर्म क्षेत्र से जुड़े लोग वहां मौजूद रहे।
मिली जानकारी अनुसार स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की आयु में रविवार को निधन हो गया था। उन्होंने झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में रविवार दोपहर करीब साढ़े 3 बजे अंतिम सांस ली। उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त नरसिंहपुर पहुंचे। उनकी पार्थिव देह आश्रम के गंगा कुंड स्थल पर रखी गई थी। शाम को उन्हें समाधि दी गई।
भू समाधि के लिए 108 कलश जल से स्वामी स्वरूपानंद जी को स्नान कराया जाएगा। इस दौरान काशी से आए ब्राह्मण वैदिक रीति-रिवाज और मंत्रोच्चार करेंगे। स्नान कराने के बाद उनका दुग्ध अभिषेक किया जाएगा। साथ ही मस्तक पर शालिग्राम जी को स्थापित किया जाएगा। बाद मां भगवती मंदिर से आश्रम तक परिक्रमा होगी। इस परिक्रमा में स्वामी स्वरूपानंद जी को पालकी पर बिठाकर परिक्रमा कराई जाएगी। परिक्रमा पूरी होने के बाद शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी को समाधि स्थल पर ले जाया जाएगा। समाधि स्थल पर कुछ दिनों बाद एक मंदिर बनाया जाएगा और उसमें शिवलिंग की स्थापना की जाएगी।