हिमाचल प्रदेश मे देखा नहीं ऐसा हाल 100 से अधिक मकान बेहाल कई ने गवाई जान

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हरिद्वार, पहाड़ों से लेकर मैदान तक लगातार हो रही बारिश में जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है खाने-पीने से लेकर रोजगार तक सब पानी में मिल गया दूर दूर तक पानी ही पानी नजर आ रहा है हिमाचल प्रदेश मे लोगो ने बताया कि ऐसी ही बाढ़ 1995 में आई थी जिसके बाद हर जगह पानी ही पानी था वही एक बार फिर से देखने को मिला नदियों मैं इतना उफान 100 से अधिक मकान और 80 लोगों ने गवाई अपनी जान

मिली जानकारी अनुसार हिमाचल प्रदेश के मंडी के थुनाग बाजार में जूतों की दुकान का यह हाल है. यहां पर फ्लैश फ्लड आया था. थुनाग बाजार से मलबा अपने साथ बड़े बड़े पत्थर, पेड़, लकड़ियां बहाकर लाया. हालांकि, फ्लैश फ्लड से जानी नुकसान नहीं हुआ था. लेकिन पूरे बाजार में दुकानों को नुकसान पहुंचा है.

चंद्रताल से सेना के हेलीकॉप्टर से बीमार और बुजुर्ग पांच लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। चंद्रताल में 350 के करीब लोग फंसे हुए हैं। अभी तक 1050 करोड़ के नुकसान का आकलन कर लिया गया है जबकि नुकसान को चार हजार करोड़ तक बताया जा रहा है। इस संबंध में अधिकारी व कर्मचारी आकलन कर रहे हैं।

कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर चक्कीमोड़ के समीप फिर से भारी मात्रा में भूस्खलन हुआ। इसके चलते दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही पर ब्रेक लग गई है। हाईवे पर भूस्खलन करीब 11:30 हुआ है। वहीं तंबूमोड़ के समीप भी खतरा बरकरार बना हुआ है। यहां पर सड़क का एक हिस्सा ढह गया है और दूसरी ओर मलबा भी सड़क पर पड़ा है। चक्की मोड़ के समीप भूस्खलन से बंद मार्ग को खोलने का काम चला हुआ है। बता दें मंगलवार रात को हाईवे सभी प्रकार के वाहनों के लिए बहाल हुआ था, लेकिन आज फिर से बाधित हो गया है।

भूस्खलन से प्रदेश में बुधवार सुबह 10:00 बजे तक 873 सड़कें बंद थीं। इनमें से शिमला में सबसे ज्यादा 350, मंडी 100, सिरमौर 109, सोलन 83, लाहौल-स्पीति 97, चंबा 78 और किन्नौर में 36 सड़कें यातायात के लिए ठप हैं। प्रदेश में बरसात से 1956 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप पड़े हुए हैं। चंबा में 129, किन्नौर 128, लाहौल-स्पीति 206, मंडी 156, शिमला 380, सिरमौर 328 और सोलन में 619 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं।

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