हरिद्वार ,उत्तराखंड एसटीएफ के साइबर थाना, देहरादून द्वारा एक बड़ी सफलता हासिल की गई है। साइबर धोखाधड़ी के एक मास्टरमाइंड सहित तीन आरोपियों को दिल्ली के जनकपुरी मेट्रो स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। यह आरोपी अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह से जुड़े हुए थे, जिनके तार दुबई, चीन और पाकिस्तान में सक्रिय साइबर ठगों से जुड़े पाए गए हैं।
आरोपियों के तार दुबई, चीन और पाकिस्तान से जुड़े हैं। आरोपी धन का लेनदेन क्रिप्टो करेंसी से करते थे। आरोपियों के अन्य साथियों की तलाश भी की जा रही है। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया, मोहब्बेवाला निवासी एक युवक ने साइबर थाने में शिकायत कर बताया था कि पिछले साल उसने नौकरी डॉट कॉम पर नौकरी के लिए अपना सीवी अपलोड किया था।
इसे देखकर अज्ञात साइबर ठगों ने संपर्क किया। उन्होंने युवक से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 14,800 रुपये लिए। इसके बाद युवक का स्काइप एप से इंटरव्यू भी लिया। ठगों ने उन्हें चयन की बात कहते हुए दस्तावेज सत्यापन, जॉब सिक्योरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा और आइलेट्स एग्जाम के नाम पर 22 लाख रुपये से ज्यादा अपने खातों में ट्रांसफर कराए।
कुछ दिन बाद फिर फोन आया कि उनका आइलेट्स एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। लिहाजा अब तीन महीने बाद फिर से प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके बाद संपर्क बंद कर दिया। साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपियों के खातों की जांच की। सोमवार को दिल्ली जनकपुरी वेस्ट इलाके से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपियों ने अपने नाम अलमास आजम और अनस आजम निवासी अशरफाबाग, जाजमऊ, नियर शिवांश टेनरी, थाना चकेरी, कानपुर, यूपी और सचिन अग्रवाल सी-34 सेकंड फ्लोर कृष्णा पार्क, विकासपुरी दिल्ली बताए। इनके पास से छह मोबाइल फोन, 42 बैंक पासबुक और 16 सिम कार्ड बरामद हुए हैं।
इस प्रक्रिया में दुबई का मास्टरमाइंड पाकिस्तानी एजेंटों के जरिए भारतीय सहयोगी को शामिल करता है, जो पूरे बैंक खाते के किट प्राप्त करते हैं। वहीं, चीनी एजेंट व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से क्रिप्टो भुगतान और वास्तविक समय (real time) में यूपीआई डिटेल के लिए निर्देश देते हैं। गिरोह के अन्य सदस्य बिनांस और ट्रस्ट वॉलेट जैसी क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म से USDT (जो क्रिप्टो लेन-देन में उपयोग होता है) खरीदते हैं। USDT को बिनांस वॉलेट में ट्रांसफर किया जाता है और जुड़े हुए विदेशी ठग इसे 90 रुपये प्रति USDT के बजाय 104 रुपये प्रति USDT के भाव से भारतीय रुपये भेजते हैं। मुनाफे को आपस में बांटा जाता है। इसमें 7 रुपये सचिन और बाकी 7 रुपये अलमास आजम और अनस आजम दोनों भाइयों को दिया जाता है। प्रत्येक फर्जी खाते के लिए अतिरिक्त कमीशन भी मिलता है।एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों द्वारा दुबई, चाइना और पाकिस्तान से कनेक्शन होना स्वीकार किया गया है. जिनके सम्बन्ध में इनके मोबाइल फोन में भी व्हाट्सएप, टेलीग्राम के माध्यम से चैटिंग होनी पायी गई। जिसमें आपस में बैंक खातों की यूपीआई आईडी, खातों की डिटेल्स, क्यूआर कोड, स्कैनर आदि का आदान प्रदान किया गया है। इसके अलावा USDT क्रीप्टोकरेंसी में एक दूसरे से खातों में भारतीय रुपए का ट्रांजेक्शन सम्बन्धी चैट्स पाई गयी हैं।